ज़िन्दगी के लंबे सफर में
जरा सुस्ताने बैठे
कहाँ जाना था कहाँ पहुँचे
हिसाब लगाने बैठे
हिसाब किताब लगाया
तो पाया हमने
इस सफ़र का बड़ा हिस्सा
यूँ ही गँवाया हमने
जहाँ जाना था उसे भूल के हम
रस्ते के मुसाफिरों से निभाने बैठे
ज़िन्दगी के लंबे सफर में
जरा सुस्ताने बैठे
कहाँ जाना था कहाँ पहुँचे
हिसाब लगाने बैठे
- रवीश
कुमार
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